माता-पिता और पुत्र-पुत्री का आपस में कैसा व्यवहार होना चाहिये ?

How should parents and son and daughter behave with each other?

SPRITUALITY

Geeta Press book ''गृहस्थमें कैसे रहें ?'' से यह लेख पेश

3/30/20241 min read

प्रश्न- माता-पिता और पुत्र-पुत्रीका आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ?

उत्तर-माता-पिताका यही भाव होना चाहिये कि पुत्र- पुत्रीने हमारे घर जन्म लिया है; अतः हमें इनके लोक-परलोकका सुधार करना है। हमें केवल अपना सुख-आराम नहीं देखना है, प्रत्युत 'इनका सुधार कैसे हो' इस भावसे पुत्र-पुत्रीपर शासन करना है, उनको अच्छी शिक्षा देनी है और समयपर ताड़ना भी करनी पड़े तो वह भी उनके हितके लिये ही करनी है।

पुत्र-पुत्रीका यही भाव होना चाहिये कि जिस शरीरसे हम परमात्माकी प्राप्ति कर सकते हैं, महान् आनन्दकी प्राप्ति कर सकते हैं, वह शरीर हमें माँ-बापसे मिला है; अतः हमारे द्वारा इनको कभी दुःख न हो। हमारे कारण इनका अपयश न हो। हमारे ऐसे आचरण हों, जिनसे लोगोंमें इनका आदर-सम्मान बढ़े। हम तीर्थ, व्रत आदि जो कुछ शुभ कर्म करें, उनका फल (पुण्य) माता-पिताको ही मिले। ऐसे भावसे आपसमें प्रेम बढ़ेगा, वर्तमानमें परिवार सुखी होगा और भविष्यमें सबका कल्याण होगा।

यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक "गृहस्थ कैसे रहे ?" से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.