भौजाई (भाभी) और देवर का आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ?

How should sister-in-law and brother-in-law behave with each other?

SPRITUALITY

Geeta Press book ''गृहस्थमें कैसे रहें ?'' से यह लेख पेश

3/30/20241 min read

प्रश्न - भौजाई (भाभी) और देवर का आपसमें कैसा व्यवहार होना चाहिये ?

उत्तर - भौजाई सीताजीकी तरह और देवर भरतकी तरह व्यवहार करे। सीताजी भरतको पुत्रकी तरह समझती थीं। कैकयीने बिना कारण रामजीको वनमें भेज दिया, पर सीताजीने कभी भी भरतपर दोषारोपण नहीं किया, भरतका निरादर नहीं किया, प्रत्युत चित्रकूटमें जब भरतजीने सीताजीकी चरण-रजको अपने सिरपर चढ़ाया, तब सीताजीने उन्हें आशीर्वाद दिया! ऐसे ही भौजाई को चाहिये कि देवर कितना ही निरादर, अपमान करे, पर वह अपना मातृभाव, हितैषीभाव कभी न छोड़े और देवरको चाहिये कि भौजाईका माँकी तरह आदर करे। यद्यपि सीताजी अवस्थामें उतनी बड़ी नहीं थीं, फिर भी भरत, लक्ष्मण आदिका सीताजीमें मातृभाव था।

यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक "गृहस्थ कैसे रहे ?" से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.