लव मैरिज की थी पर माता पिता को मना नहीं पा रहा I had a love marriage but was unable to convince my parents.

पूज्य महाराज जी का मार्गदर्शन

SPRITUALITY

Dheeraj Kanojia

9/20/20231 min read

मेरी शादी को तीस साल हो गए, पूरी कोशिश के बावजूद मैं अपने माँ बाप को यकीन नहीं दिला पाया. मैं उनके लिए समर्पित हूं और आपने ऐसे बहुत सारे उदाहरण देखे होंगे जहां बच्चे माँ बाप से अलग होना चाहते हैं लेकिन मैं उनको साथ रखना चाहता हूं पर वो भरोसा नहीं कर रहे हैं.

पूज्य महाराज जी का मार्गदर्शन

कोई बात नहीं. बुढ़ापे में एक अवस्था होती है ना . अभी वो ना माने, ना मानने दीजिए. आप उनके पास जरूर जाएँ और वो असंतुष्ट हैं कोई बात नहीं । आपका जो कर्त्तव्य है उसे आप कभी मत भूलिएगा. वह आराध्य है. वो भले न माने.

उनका ना मानना भी हमारे लिए मंगलकारी होगा. ये ध्यान रखना पर हम अवसर से ना चुके. जैसे हम जब बच्चे थे बिल्कुल हमें ज्ञान नहीं था. हमने शौच की है दिन में दस बार तो हमारी मां ने उसको अपने हाथ से उठाया है।

हमें अपने हाथ से शौचाया है. हमको यह बात ध्यान रखनी चाहिए. उन्होंने हमें गर्भ में रखा है और जब तक हम चेतना में आए नहीं है, तब तक उन्होंने बहुत प्यार दिया है. आज हमारी मनमानी देखकर वह असंतुष्ट हो सकते हैं.

कुछ भी हो, है तो न हमारी मनमानी। देखो सच्चाई को जब मानोगे तो अच्छा लगेगा। हम कहीं न कहीं अपने मन की करी है, उनको थोड़ा बुरा लगा है पर हम बच्चे हैं जैसे हमारी हर गलती और क्षमा करते रहे ऐसे वो ये भी गलती क्षमा कर देंगे. अब हम अपने कर्तव्य में ना चूके। एक समय वो आएगा जिस समय उन्हें आपकी अत्यंत आवश्यकता होगी.

वो उठने लायक नहीं रहेंगे. वो शौच जाने लायक नहीं रहेंगे. उस समय जैसे आपका उन्होंने ख्याल रखा था. आपको वैसे ही उनका ख्याल रखना है.

वो गाली बकेंगे। आपको बिल्कुल शांत गंभीर और अपनी सेवा करनी है. वही आपको भागवत प्राप्ति हो जाएगी. वही आनंद का हेतु हो जाएगा.

अगर माता पिता कहीं ना कहीं असंतुष्ट होते हैं तो उसमें दो बातें होती हैं या तो उनकी आज्ञान की धरा होती है और या हमारी कोई मनमानी होती है.

दोनों बातें हो सकती है. ऐसा भी देखा जाता है की, जो हमारा चिंतन है, सत्संग या शास्त्र सम्मत है, वो उसको नहीं पकड़ पा रहे तो मोह वश होने के कारण वो हमसे नाराज हो सकते हैं, वो हमारे प्रतिकूल हो सकते हैं. हमको सावधान रहना है.

कभी-कभी हमसे भी गलतियां हो जाती है कि वो चाहते हैं की मैं मातापिता हूं, मेरा भी तो इसके हर कार्य में दस्तखत होना चाहिए, इसके हर कार्य में क्योंकि इतना सम्मान तो मिलना चाहिए ना. अगर मैं कहूँ ना तो ना. क्योंकि मेरे तुम पुत्र हो.

तो हम अपने मन की बात रखने के लिए हम उनकी बात की कभी-कभी अवहेलना कर देते हैं. पर यदि हमारा भाव उनके प्रति बना रहेगा, जैसा आपने कहा कि हमारा आज तक भाव अच्छा है तो वो आपका मंगल करेगा.अब आगे आपको यह संभालना है कि जब उनकी अवस्था हो जाए, तो आप उनका ख्याल रखे.

अगर मान लो वो कोई सेवा न ले. कोई बात नहीं आपको दूर से देखते रहना. खान-पान व्यवस्था सब चल रही है कि नहीं.

और जिस दिन ऐसा अवसर पड़े तो दो थप्पड़ भी मारे तो भी हमको उनकी सेवा करनी है. तुम निश्चित समझना, तुम्हारा मंगल ही होगा. उनकी किसी व्यवहार से उनसे दूरी बनाना ठीक नहीं है.

आपने बचपन में गोदी में बैठकर लघुशंका कर दिया. माँ पर नहीं कर दिया था . पिताजी पर नहीं कर दिया था . उनके बाल नोंचे है. लेकिन उन्होंने क्या कहा, आपको दुलार ही किया है.

बचपन में आपने उनका कपड़ा गीला किया. जिस तरफ लघु शंका हुई तो उधर वो लेट गए हैं और हमें सूखे की तरफ लिटाया. इतना होता है माँ का प्यार.

सब कोई देखता है. सब कोई ही जानता है. वो खिलवाड़ में गोद में खिला रहे है. शौच कर दिया लेकिन उनको बुरा नहीं लगा. उन्होंने अपने कपड़े धोये हमारे कपड़े धोए. वे बात ध्यान रखिए वह मां है जिसके हम गर्भ से पले हैं, जिसका दुग्ध पान करके हम इतने बड़े हुए हैं वह कभी कटु वचन कर दे तो कोई बात नहीं.

आज कल के धूर्त लोग अपने माता पिता पर हाथ उठा देते. बहुत दुर्गति होगी. माता-पिता, भगवान का स्वरूप है वो गाली बके बकने दो.

तुम क्या उपद्रव करते बच्चापन में माता-पिता ने क्षमा किया ना और वृद्धावस्था में स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है.

यदि माता पिता का भजन नहीं हो रहा ना, तो वही संसाारिक स्वभाव आ जाता है.

माता पिता के पास घर में सब सुविधाएं है, लेकिन एक आदमी जैसे कोई बाहर से आकर मिला तो उससे कहते हैं कुछ नहीं खवाते.

जबकि माता पिता को सब कुछ खवाते पिलाते सब सुविधाएं है. पर वो उसकी निंदा करते हैं और वो आदमी जब बच्चो को बताता तो बच्चे गुस्सा होकर..............

नहीं ऐसा नहीं करना।

उनकी बुद्धि इस समय बिगड़ी हुई है।. हमको केवल ये मान के कि जैसे हम बच्चे थे, हमारी बुद्धि बिगड़ी हुई थी. हमें ज्ञान नहीं था सही गलत का पर हमारे माता-पिता हमको संभालते. आज उनकी स्थिति बिगड़ रही है. अब हमको संभालना है.

वो हमारी निंदा करेंगे, हमारे सामने करेंगे. अरे हम उनके बच्चे है, वो निंदा करें चाहे वो प्यार करें, ये उनका विषय है.

हमारा क्या विषय है उनकी सेवा करे.

आज हम यह बात भूल जाते हैं कि मेरी माँ कौन है. सच्ची कहते हैं मां का प्यार, एक अमोख प्यार होता है.

पिता का जीवन देखो किसानी, व्यापार, नौकरी करके, मेहनत करके आ रहा है तो चार पैसे पाया तो सोचता है अपने बच्चों के लिए क्या ले जाऊँ? घर में ले जाऊं. जब दौड़ के पापा पापा करके आए थे. अपने हृदय में सोच के देखो. वो सब उन्होंने किया है। अब आपको आपके बच्चे प्यारे लगने लगे और माँ बाप के प्रति उदासीन हो गए. तुम उनके बच्चे थे यह भी तुम्हें ध्यान रखना है. अच्छा जैसे मान लो, आप धन देकर अनाथालय में छोड़ आए वृद्ध आश्रम में छोड़ आए. देखो उनको सिर्फ खान-पान मिलना ही नहीं. उनको उस समय प्यार की जरूरत होती है. उसमें उनको दुलार की जरूरत होती है. नौकर प्यार नहीं करता है. थोड़ी सेवा जरूर कर लेता है. वो बैठे हैं, अकेले याद कर रहे हैं बेटा, बहू, परिवार कि हमारा ध्यान रख रहे है.

वो तुम्हारे जीवन में आगे आकर मिलेगा जो बो रहे हो ना वो तुम्हें मिलेगा आ करके. इसलिए हमें तो लगता है कि भले तीर्थ याटन न करो.

आप कभी माला ना चलाओ.

अपने माता पिता को भगवान मानकर उनकी सेवा करो. जो नाम तुम्हें प्रियो रामकृष्ण हरी. ऐसे बीच-बीच में उच्चारण करते रहो।. देखो आपको भगवत प्राप्ति होती है कि नहीं।

यह बूढ़े माता पिता का जो अपमान आज नए जवान बच्चे कर रहे है. हमने पीटते देखा है, पीटते देखा है. अब वृद्ध का स्वभाव चिड़चिड़ा है. माना कि लड़का उनके साथ उनकी हितकर बात कर रहा है लड़का, लेकिन उनका स्वभाव हो गया है, वृद्ध है और वो कटु वचन बोले गाली बोले निंदा कर रहे.

आप सम्भले वरना गलती हो जाएगी, अपराध बन जाएगा पूज्यजनों के प्रति ऐसा अपराध वो फिर तुम्हारे सुकृतों का नाश कर देगा. इसलिए बहुत धैर्यवान में रहना और जब अवसर मिले सेवा करो.

देखो अपने को कोई जताना नहीं किसी को कि हम बड़े माता-पिता के सेवक है. अगर हमें पता चल रहा है. हमारे पास अर्थ ( पैसा) है. अभी वो खा पी रहे हैं, उनका अच्छा चल रहा है। हमारी दृष्टि दूर से है, वो हमें पसंद नहीं करते तो ठीक है, हम दूर हैं।. लेकिन जिस दिन हमें पता चला कि हमारी आवश्यकता है, तो हम हर कार्य रोक कर पहले उनकी सुख सुविधा को देखेंगे तो यह पूजा बन जाएगी. यह भजन बन जाएगा. पोगी

Wath The Pujya Maharajji Video

https://youtu.be/S0WtgyQxYHs?si=F56Ap0sYvLQkX5o5

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