जाने अमीर बनने का इकलौता नियम Know the only rule to become rich

A guide to become financial litterate

FINANCE

Dheeraj kanojia

10/10/20233 min read

जय श्री राधा जय श्री राधा

आपको सम्पति (एसेट्स) और दायित्व (लायबिलिटी) का फर्क पता होना चाहिए और हमेशा संपतियां ही खरीदनी चाहिए.

अगर आपको अमीर बनना है, तो आपको बस इतना ही जानने की जरुरत है. यही इकलौता नियम है. यह बहुत आसान लगता है. लेकिन अधिकतर लोगों को इसकी गहराई का अंदाजा नहीं होता. ज्यादातर लोग पैसे को लेकर संघर्ष इसलिए करते हैं, क्योंकि वे संपत्ति और दायित्व का फर्क नहीं जानते.

अमीर लोग संपतियां इकट्ठी करते हैं. गरीब और मिडिल क्लास लोग दायित्व इकट्ठा करते हैं और उन्हें संपत्तियां मानते हैं.

कौन सी चीज संपत्ति है और कौन सी दायित्व, यह शब्दों से समझ नहीं आता. संपत्ति को शब्दों से नहीं अंकों से जाना जा सकता है. और अगर आप अंक नहीं पढ़ सकते तो आपको संपत्ति और जमीन में खुदे गड्ढे में कोई अंतर नजर नहीं आएगा. अगर अमीर बनना चाहते है, तो अंकों को पढ़ना और समझना आना चाहिए.

संपत्ति और दायित्व के बीच का सीधा फर्क है कि संपत्तियां आपकी जेब में पैसा डालती है, जबकि दायित्व वे चीज है, जो आपकी जेब से पैसे बाहर निकालती है.

हम आपको बताते है कि गरीब, मिडिल क्लास और दौलतमन्द व्यक्ति अपना पैसा कैसे संभालते है.

एक गरीब व्यक्ति जो मजदूरी या दिहाड़ी कमाता है, उसको घर के किराए, किराने के सामान, ट्रांसपोर्ट और कपड़ो पर खर्च कर देता है. वह न संपत्ति बना पाता है और ना उसकी ना कोई बड़ी लायबिलिटी होती है. लेकिन संपत्ति नहीं बनाने की वजह से वह गरीब का गरीब रहता है.

एक मिडिल क्लास आदमी अपनी नौकरी से जो सैलरी कमाता है, उससे वे कर्ज पर घर खरीद लेता है. कर्ज पर कार खरीदता है. वे क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेता है. वे एजुकेशन लोन भी लेता है. यह सब उसकी लायबिलिटी हो गई. वे सैलरी पर टैक्स चुकाता है, वह होम लोन इंटरेस्ट चुकाता है, वह कार लोन ब्याज चुकाता है. वह क्रडिट कार्ड कर्ज पर भी ब्याज देता है. यानि अपनी सैलरी से जो उसने लायबिलिटी खरीदी थी, वे उनके खर्च को चुकाने में ख़त्म हो गई. वह संपत्ति कोई नहीं बना पाता. वह अपने घर और कार को सम्पात्ति जरूर मानता है, पर असल में यह संपत्ति नहीं दायित्व है, क्योंकि इससे उसकी जेब से पैसा जा रहा है.

एक दौलतमंद आदमी अपनी इनकम से संपत्ति (एसेट्स) के रूप में रियल एस्टेट, शेयर, बांड्स, नोट्स, और इन्टेलेक्ट प्रॉपर्टी आदि खरीदता है. वह भी लायबिलिटी के रूप में घर खरीदने के लिए लोन और क्रेडिट कार्ड्स लोन लेता है, पर उसे किराए से भी आमदनी होती है. उसे शेयर बेचने में प्रॉफिट होता है. उसे उनसे डिविडेंड मिलता है. उसके बांड्स से ब्याज मिलता है. उससे इन्टेलेक्ट प्रॉपर्टी से रॉयल्टी मिलती है. इस कमाई से वह टैक्स चुकाता है. वह मॉर्गेज लोन का ब्याज भी चूका देता है.

अब आप कहेंगे कि गरीब और मिडिल क्लास की इनकम इतनी ज्यादा नहीं होती कि वे अपना घर भी ख़रीदे और किराए पर उठाने के लिए भी घर ख़रीदे. उसके पास शेयर, बांड्स आदि में इन्वेस्ट के लिए भी ज्यादा पैसा नहीं होता. जबकि दौलतमन्द व्यक्ति की इनकम ज्यादा होती है, इसलिए वे रियल एस्टेट, शेयर आदि में पैसे इन्वेस्ट करता है. देखिये लोगों को यह सबसे बड़ी गलतफ़हमी है कि ज्यादा पैसे से सब समस्या सुलझ जाती है. जब लोगों को माता पिता की प्रॉपर्टी या हैवी सैलरी इन्क्रीमेंट (वेतनवृद्धि), बिजनेस से बड़ा प्रॉफिट या लाटरी या इनाम से अच्छा ख़ासा पैसा मिल भी जाता है, तो सवाल है कि वह उस पैसे को कैसे संभालते है. आमतौर पर देखा गया है कि वह इन पैसों को सही से नहीं संभालते है और उन्हें संपत्ति और दायित्व का मतलब नहीं पता. वह संपत्ति समझकर दायित्व खरीदते है. वह पहले से ज्यादा साजो सामान पर (ल्क्सरिय्स) खर्च करते है. वह अपना पैसा सेफ रखने के चक्कर में ऐसी जगह इन्वेस्ट करते है, जहाँ उनको कुछ ख़ास इनकम नहीं होती. उल्टा उनके पैसे की वैल्यू घट जाती है.

अब आप खुद आत्ममंथन कर लो कि क्या आपने अपनी इनकम से संपत्ति खरीदी है या दायित्व और आप किस केटेगरी में है-अमीर, गरीब या मिडिल क्लास. अगर आपने दायित्व खरीदे है और आप गरीब या मिडिल क्लास केटेगरी में हो तो आपको वित्तीय साक्षर (फाइनेंसियल लिटरेट) होने की जरुरत है. हमारी वेब साईट से जुड़े रहे हम आको फाइनेंसियल लिटरेट होने में मदद करेंगे.

(यह लेख पर्सनल फाइनेंस की मशहूर किताब ‘रिच डैड पूअर डैड’ से प्रेरित है, लेख को आसानी से समझने के लिए कुछ बदलाव किये गये है.)

Know the only rule to become rich

You should know the difference between assets and liabilities and should always buy assets.

If you want to become rich, this is all you need to know. This is the only rule. It seems very easy. But most people have no idea of its depth. Most people struggle with money because they do not know the difference between assets and liabilities.

Rich people accumulate wealth. Poor and middle class people accumulate liabilities and consider them assets.

Words cannot explain which thing is an asset and which is a liability. Property can be known not by words but by numbers. And if you can't read numbers, you won't notice the difference between a property and a hole dug in the ground. If you want to become rich, you must know how to read and understand numbers.

The simple difference between assets and liabilities is that assets are things that put money in your pocket, while liabilities are things that take money out of your pocket.

We tell you how poor, middle class and rich people manage their money.

A poor person spends the wages or daily wages he earns on house rent, groceries, transport and clothes. He is neither able to create wealth nor has any major liabilities. But because of not creating wealth he remains the poorest of the poor.

A middle class man buys a house on loan with the salary he earns from his job. Buys a car on loan. He takes loan on credit card. He also takes education loan. All this became his liability. He pays tax on salary, he pays home loan interest, he pays car loan interest. He also pays interest on credit card loan. This means that the liabilities that he had purchased from his salary were exhausted in meeting his expenses. No one can create that wealth. He definitely considers his house and car as assets, but in reality it is not an asset but a liability, because it is taking money out of his pocket.

A wealthy man uses his income to purchase assets such as real estate, shares, bonds, notes, and intellectual property. He also takes loan and credit card loan to buy a house as a liability, but he also earns income from rent. He makes profit in selling shares. He gets dividends from them. He earns interest from his bonds. He gets royalty from intellectual property. He pays tax from this earning. He also pays the interest on the mortgage loan.

Now you will say that the income of the poor and middle class is not so high that they can buy their own house and also buy a house for renting. They does not have much money to invest in shares, bonds etc. Whereas a rich person has high income, hence he invests money in real estate, shares etc. See, the biggest misconception people have is that more money solves all problems. When people get a good amount of money from their parents' property or heavy salary increment, big profit from business or lottery or prize, then the question is how they manage that money. Generally it is seen that they do not handle this money properly and they do not know the meaning of assets and liabilities. They buy liabilities considering them assets. They spends more on luxuries than before. In order to keep their money safe, they invest in such places where they do not get much income. On the contrary, the value of their money decreases.

Now introspect yourself whether you have purchased assets or liabilities with your income and in which category you are – rich, poor or middle class. If you have purchased liabilities and you belong to poor or middle class category then you need to be financially literate. Stay connected with our website, we will help you to become financially literate.

(This article is inspired by the famous personal finance book ‘Rich Dad Poor Dad’, some changes have been made to make the article easier to understand.)