महाराज जी ने बताया, संतो की वाणी आपको कब समझ आएगी
जीवन में यह बात होगी तभी हम जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होंगे
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जीवन में यह बात होगी तभी हम जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होंगे
जब तक शास्त्र अध्याय नहीं होगा, सत्संग नहीं सुना जाएगा, जब तक आहार शुद्ध नहीं होगा, जब तक जन्म मरण के बंधन से मुक्ति नहीं मिलेगी।
अभी साधु संग हो रहा है, खूब प्रश्न हो रहे हैं, पर अधिकारी नहीं है। यदि आप भजन नहीं करते है, आपका आहार शुद्ध नहीं है। आप ब्रहमचर्य का सेवन नहीं करते है। तो आप संतों की वाणी का कैसे अनुकरण कर सकते है। हमको कोई गाली दे, तो हम उसको क्षमा करें, यह बहुत बड़ी स्थिति होती है।
शास्त्र स्वध्याय, सत्संग, आहार शुद्ध और निरंतर नाम जपने का अभ्यास, संत और शास्त्र में दृढ़ विश्वास यानी संत जो कह रहे है, वो ऐसा ही है, तब ही आपको अनुभव होगा।
हमारी हृदय से प्रार्थना है कि भगवान को आश्रय लेकर के, भगवान का नाम जप करते हुए भगवान को कर्म समर्पित किया जाए तो यह स्थिति आ सकती है और जब यह स्थिति नहीं आएगी तब तक जन्म और मरण का चक्र खत्म नहीं होगा, इसलिए खूब नाम जप करो।