कलियुग में तो संन्यास लेना मना किया गया है, अतः मनुष्य निवृत्ति कैसे करे ?
प्रारब्ध पहले रचा, पीछे रचा सरीर। तुलसी चिन्ता क्यों करे, भज ले श्रीरघुबीर ॥
SPRITUALITY
प्रश्न-कलियुग में तो संन्यास लेना मना किया गया है, अतः मनुष्य निवृत्ति कैसे करे ?
उत्तर- कलियुगमें संन्यास लेना इसलिये मना किया गया है कि कलियुगमें संन्यास-धर्मका पालन करने में बहुत कठिनता पड़ती है, जिससे मनुष्य ठीक तरह से संन्यास-धर्म को निभा नहीं सकता। अतः जैसे सरकारी कर्मचारी नौकरी से रिटायर होते हैं ऐसे ही मनुष्यको घर से रिटायर हो जाना चाहिये और बेटों-पोतों को काम-धंधा सौंपकर घर में रहते हुए ही भजन-स्मरण करना चाहिये। यदि बेटे चाहते हों तो घर से केवल भोजन, वस्त्र आदि निर्वाह मात्रका सम्बन्ध रखना चाहिये। यदि बेटे न चाहें तो निर्वाह मात्रका सम्बन्ध भी छोड़ देना चाहिये। निर्वाह कैसे होगा, इसकी चिन्ता नहीं करनी चाहियेय क्योंकि
प्रारब्ध पहले रचा, पीछे रचा सरीर।
तुलसी चिन्ता क्यों करे, भज ले श्रीरघुबीर ॥
यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक "गृहस्थ कैसे रहे ?" से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.