माता-पिता के आचरण, भाव आदि तो बड़े अच्छे हैं, पर उनकी सन्तान अच्छी नहीं निकलती - इसका क्या कारण है?

The conduct, feelings etc. of the parents are very good, but their children do not turn out to be good - what is the reason for this?

SPRITUALITY

Geeta Press book ''गृहस्थमें कैसे रहें ?'' से यह लेख पेश

3/31/20241 min read

प्रश्न - माता-पिता के आचरण, भाव आदि तो बड़े अच्छे हैं, पर उनकी सन्तान अच्छी नहीं निकलती - इसका क्या कारण है?

उत्तर-इसमें खास कारण संग-दोष अर्थात् बालकको अच्छा संग न मिलना ही है। ऋणानुबन्धसे पूर्वजन्मका बदला लेनेके लिये भी ऐसी सन्तान पैदा होती है। जो पुत्र कुसंगसे बिगड़ता है, वह सत्संगसे सुधर सकता है। परंतु जो पूर्वजन्मका बदला लेनेके लिये आता है, वह तो दुःख ही देनेवाला होता है। अतः अपने आचरण, भाव अच्छे होते हुए भी यदि ऐसी सन्तान पैदा हो जाय तो पूर्वका ऋणानुबन्ध समझकर प्रसन्न रहना चाहिये कि हमारा ऋण कट रहा है।

विश्रवा ब्राह्मण-कुलके थे; परन्तु उनकी पत्नी कैकसी राक्षस कुलकी थी, जिसके कारण रावण पैदा हुआ। उग्रसेन धर्मात्य किर पुरुष थे; परन्तु एक दिन एक राक्षसने उग्रसेनका रूप धार, मर करके उनकी पत्नीसे सहवास किया, जिससे कंस पैदा हुआ।

यह लेख गीता प्रेस की मशहूर पुस्तक "गृहस्थ कैसे रहे ?" से लिया गया है. पुस्तक में विचार स्वामी रामसुख जी के है. एक गृहस्थ के लिए यह पुस्तक बहुत मददगार है, गीता प्रेस की वेबसाइट से यह पुस्तक ली जा सकती है. अमेजन और फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन साईट पर भी चेक कर सकते है.