एस्टेट प्लानिंग : आपके बाद आपके परिवारवालों का एक सुरक्षित भविष्य, जानने योग्य 5 महत्वपूर्ण बातें

Discover the 5 most important things to know about estate planning in India. Learn about wills, trusts, nominations, joint ownership, and key tips to secure your family's future.

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kaisechale.com

5/27/20251 min read

एस्टेट प्लानिंग : आपके बाद आपके परिवारवालों का एक सुरक्षित भविष्य, जानने योग्य 5 महत्वपूर्ण बातें

आज के समय में, एस्टेट प्लानिंग (Estate Planning) केवल अमीरों के लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो अपनी मेहनत की कमाई और संपत्ति को अपने परिवार के भविष्य के लिए सुरक्षित रखना चाहता है। भारत में अक्सर संपत्ति के बंटवारे को लेकर कानूनी विवाद, टैक्स की जटिलताएं और परिवार में अनबन जैसी समस्याएं सामने आती हैं। एक मजबूत एस्टेट प्लानिंग न केवल इन समस्याओं को कम करती है, बल्कि आपके जाने के बाद भी आपके परिवार के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है25

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एस्टेट प्लानिंग के पांच सबसे जरूरी पहलू कौन से हैं, जिन्हें हर किसी को समझना और अपनाना चाहिए।

1. वसीयत (Will) बनाना

वसीयत किसी भी एस्टेट प्लानिंग की नींव है। वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है, जिसमें आप यह तय करते हैं कि आपकी चल-अचल संपत्ति, बैंक बैलेंस, गहने, निवेश आदि आपकी मृत्यु के बाद किसे और कैसे मिलेंगे। भारत में वसीयत बनाना आसान है, लेकिन इसे कानूनी रूप से मान्य बनाने के लिए दो गवाहों की मौजूदगी में दस्तखत जरूरी है25

  • वसीयत में आप अपने बच्चों, जीवनसाथी, माता-पिता या किसी भी प्रियजन को लाभार्थी बना सकते हैं।

  • इसमें आप अपने नाबालिग बच्चों या दिव्यांग आश्रितों के लिए गार्जियन भी नियुक्त कर सकते हैं।

  • वसीयत को समय-समय पर अपडेट करना चाहिए, खासकर जब परिवार में कोई बड़ा बदलाव हो (जैसे शादी, संतान का जन्म, संपत्ति में वृद्धि आदि)2

2. ट्रस्ट (Trust) की स्थापना

ट्रस्ट एक कानूनी व्यवस्था है, जिसमें आप अपनी संपत्ति किसी ट्रस्टी के पास रखते हैं, जो आपके द्वारा तय किए गए लाभार्थियों के लिए उसे संचालित करता है। ट्रस्ट खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिनके परिवार में नाबालिग, दिव्यांग या विशेष देखभाल की जरूरत वाले सदस्य हैं25

  • ट्रस्ट के जरिए आप टैक्स प्लानिंग भी कर सकते हैं और संपत्ति के बंटवारे को विवाद रहित बना सकते हैं।

  • ट्रस्ट आपकी संपत्ति को संभावित कानूनी विवादों और अनावश्यक देरी से बचाता है।

  • ट्रस्ट जीवित रहते हुए (Living Trust) या मृत्यु के बाद (Testamentary Trust) दोनों तरह से बनाया जा सकता है1

3. नामांकन (Nomination) का महत्व

बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, बीमा पॉलिसी जैसी वित्तीय संपत्तियों में नामांकन (Nomination) करना बहुत जरूरी है। सही और अपडेटेड नामांकन से आपकी संपत्ति आपके चुने हुए व्यक्ति तक आसानी से पहुंच जाती है, और परिवार को कानूनी झंझटों से बचाती है25

  • नामांकन के लिए संबंधित संस्था या बैंक में फॉर्म भरकर जमा करना होता है।

  • समय-समय पर नामांकन को अपडेट करें, ताकि कोई पुराना या अनुपयुक्त नामांकित व्यक्ति न रह जाए।

  • ध्यान दें, नामांकन और वसीयत में अंतर है; वसीयत अंतिम रूप से मान्य होती है, लेकिन सही नामांकन से संपत्ति का ट्रांसफर जल्दी और आसान होता है2

4. संयुक्त स्वामित्व (Joint Ownership)

संपत्ति या बैंक खाते को संयुक्त रूप से (जॉइंट ओनरशिप) रखना भी एस्टेट प्लानिंग का एक अहम तरीका है। इसमें दो या दो से अधिक लोग (जैसे पति-पत्नी, माता-पिता-बच्चे) एक साथ मालिक होते हैं25

  • किसी एक स्वामी की मृत्यु के बाद, संपत्ति या खाता सीधे दूसरे स्वामी के नाम पर ट्रांसफर हो जाता है, जिससे प्रॉबेट या लंबी कानूनी प्रक्रिया की जरूरत नहीं पड़ती।

  • संयुक्त स्वामित्व के लिए जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया संबंधित संपत्ति या बैंक के नियमों के अनुसार होती है।

  • यह तरीका खासतौर पर घर, जमीन, फ्लैट, लॉकर और बैंक खातों के लिए अपनाया जाता है2

5. नियमित समीक्षा और विशेषज्ञ सलाह

एस्टेट प्लानिंग कोई एक बार की जाने वाली प्रक्रिया नहीं है। जीवन में जैसे-जैसे बदलाव आते हैं, वैसे-वैसे अपनी वसीयत, ट्रस्ट, नामांकन आदि को समय-समय पर रिव्यू और अपडेट करना जरूरी है25

  • शादी, तलाक, संतान का जन्म, संपत्ति में वृद्धि, या परिवार में किसी की मृत्यु जैसी घटनाओं के बाद दस्तावेजों की समीक्षा करें।

  • एस्टेट प्लानिंग के दस्तावेजों को सुरक्षित और गुप्त स्थान पर रखें, और भरोसेमंद व्यक्ति को उसकी जानकारी दें।

  • किसी भी जटिलता या संदेह की स्थिति में कानूनी या वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लें, ताकि आपके दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य और टैक्स-कम्प्लायंट रहें25

अतिरिक्त सुझाव

  • पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney): अगर आप अस्वस्थ हो जाएं या निर्णय लेने की स्थिति में न रहें, तो आपके द्वारा नियुक्त व्यक्ति आपकी वित्तीय और स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारियां संभाल सके, इसके लिए पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाना चाहिए5

  • टैक्स प्लानिंग: ट्रस्ट, दान (charity), और अन्य उपायों से आप टैक्स बोझ कम कर सकते हैं और अपने उत्तराधिकारियों के लिए अधिक संपत्ति छोड़ सकते हैं1

  • डिजिटल संपत्ति: ऑनलाइन अकाउंट्स, सोशल मीडिया, डिजिटल वॉलेट्स आदि के लिए भी निर्देश दें कि मृत्यु के बाद उनका क्या किया जाए1

निष्कर्ष

एस्टेट प्लानिंग केवल संपत्ति के बंटवारे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा, टैक्स बचत और कानूनी विवादों से बचाव का एक मजबूत माध्यम है। वसीयत, ट्रस्ट, नामांकन, संयुक्त स्वामित्व और नियमित समीक्षा—ये पांच कदम अपनाकर आप अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। याद रखें, एस्टेट प्लानिंग शुरू करने के लिए कभी देर नहीं होती। आज ही पहल करें और अपने प्रियजनों को एक सुरक्षित भविष्य दें25