आरबीआई की रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती: PNB, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, BOI के होम लोन की EMI में राहत
RBI’s 50 bps repo rate cut leads to lower home loan EMIs for borrowers of PNB, Indian Bank, Bank of Baroda, and Bank of India. Learn how much you can save and what this means for your home loan in 2025.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) की कटौती की है। इस फैसले का सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा, जिन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB), इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) से होम लोन लिया है। इन बैंकों ने तुरंत अपने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है, जिससे आपकी मासिक EMI कम हो जाएगी।
रेपो रेट में कटौती का क्या मतलब है?
रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों के लिए पैसे लेना सस्ता हो जाता है। इसका फायदा बैंक अपने ग्राहकों को ब्याज दर घटाकर देते हैं, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन आदि की EMI कम हो जाती है।
किसे मिलेगा फायदा?
PNB, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया के मौजूदा और नए होम लोन ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा।
जिनका होम लोन रेपो रेट से लिंक्ड है, उनकी ब्याज दरें तुरंत कम होंगी।
नई होम लोन लेने वालों के लिए भी सस्ती ब्याज दरें उपलब्ध होंगी।
EMI में कितनी होगी बचत?
मान लीजिए आपने ₹30 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए लिया है। अगर ब्याज दर 8.5% से घटकर 8% हो जाती है (50 bps कटौती), तो आपकी मासिक EMI में लगभग ₹900-₹1000 तक की कमी आ सकती है। इससे कुल ब्याज भुगतान में भी लाखों रुपये की बचत होगी।
बैंकों की नई ब्याज दरें
बैंक का नाम पुरानी ब्याज दर (%) नई ब्याज दर (%)
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) 8. 50 8.00
बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) 8.40 7.90
इंडियन बैंक 8.60 8.10
बैंक ऑफ इंडिया (BOI) 8.55 8.05
(नोट: दरें बैंकों द्वारा घोषित नई दरों के आधार पर अनुमानित हैं।)
होम लोन EMI कैसे घटती है?
ब्याज दर घटने से आपकी मासिक किस्त (EMI) कम हो जाती है।
EMI कम होने से आपकी मासिक बचत बढ़ती है।
यदि आप चाहें तो EMI समान रखते हुए लोन की अवधि कम कर सकते हैं, जिससे कुल ब्याज भुगतान में भी बचत होगी।
क्या करना चाहिए मौजूदा होम लोन ग्राहकों को?
अगर आपका होम लोन रेपो रेट से लिंक्ड है, तो आपको कोई अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं करनी होगी। बैंक खुद ही आपकी EMI कम कर देगा।
अगर आपका लोन MCLR या बेस रेट से लिंक्ड है, तो आप बैंक से रेपो रेट लिंक्ड लोन में शिफ्ट करने का अनुरोध कर सकते हैं।
अन्य बैंकों में बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प भी देख सकते हैं, जहां ब्याज दरें और कम हो सकती हैं।
नए होम लोन लेने वालों के लिए सुनहरा मौका
ब्याज दरें कम होने से होम लोन लेना पहले से ज्यादा सस्ता हो गया है।
कम EMI के साथ घर खरीदना अब ज्यादा आसान है।
बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ने से आपको बेहतर ऑफर्स और सुविधाएं मिल सकती हैं।
ब्याज दर में कटौती का लंबी अवधि में असर
EMI कम होने से आपकी मासिक बचत बढ़ेगी।
कुल ब्याज भुगतान में भी बड़ी बचत होगी।
घर खरीदना पहले के मुकाबले ज्यादा किफायती हो जाएगा।
होम लोन ट्रांसफर करने के फायदे
अगर आपका मौजूदा बैंक ब्याज दर कम नहीं कर रहा, तो आप दूसरे बैंक में लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
ट्रांसफर पर कुछ प्रोसेसिंग फीस लग सकती है, लेकिन लंबी अवधि में ब्याज की बचत ज्यादा होगी।
ट्रांसफर से पहले सभी शर्तें और शुल्क जरूर जांचें।
निष्कर्ष
RBI की रेपो रेट में 50 bps कटौती से PNB, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और BOI के होम लोन ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा। EMI कम होने से घर खरीदना और लोन चुकाना दोनों आसान हो जाएगा। मौजूदा और नए दोनों तरह के ग्राहकों के लिए यह समय होम लोन के लिहाज से काफी फायदेमंद है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. रेपो रेट कटौती से EMI कितनी कम होगी?
A. लगभग ₹900-₹1000 प्रति लाख पर 20 साल की अवधि के लिए।
Q2. क्या सभी ग्राहकों को फायदा मिलेगा?
A. रेपो रेट लिंक्ड लोन वाले ग्राहकों को तुरंत फायदा मिलेगा।
Q3. क्या लोन ट्रांसफर करना सही रहेगा?
A. अगर मौजूदा बैंक दरें कम नहीं कर रहा, तो ट्रांसफर फायदेमंद हो सकता है।
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