पिन से DIGIPIN तक: भारत सरकार ने लॉन्च किए सटीक एड्रेस मैपिंग के लिए डिजिटल टूल्स

India launches 'Know Your DIGIPIN' and 'Know Your PIN Code' digital platforms to revolutionize address mapping with precise, geo-coded digital addresses, enhancing logistics, governance, and last-mile delivery across urban and rural India.

SPRITUALITY

KAISECHALE.COM

5/29/20251 min read

पिन से DIGIPIN तक: भारत सरकार ने लॉन्च किए सटीक एड्रेस मैपिंग के लिए डिजिटल टूल्स

भारत सरकार ने देश के एड्रेस सिस्टम को सटीक, डिजिटल और भविष्य के लिए तैयार बनाने के लिए दो बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म—‘Know Your DIGIPIN’ और ‘Know Your PIN Code’—27 मई 2025 को लॉन्च किए। यह कदम नेशनल जियोस्पेशियल पॉलिसी 2022 के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य डिजिटल गवर्नेंस और पब्लिक सर्विस डिलीवरी को और बेहतर बनाना है136

DIGIPIN क्या है?

DIGIPIN (Digital Postal Index Number) एक ओपन-सोर्स, इंटरऑपरेबल, जियो-कोडेड, ग्रिड-बेस्ड डिजिटल एड्रेस सिस्टम है, जिसे डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स ने IIT हैदराबाद और NRSC-ISRO के साथ मिलकर विकसित किया है1237। DIGIPIN भारत को लगभग 4 मीटर x 4 मीटर के ग्रिड्स में बांटता है और हर ग्रिड को एक यूनिक 10-अक्षर वाला अल्फान्यूमेरिक कोड देता है, जो उस स्थान के अक्षांश और देशांतर (latitude & longitude) पर आधारित होता है25

DIGIPIN की मुख्य विशेषताएं:

  • सटीकता: हर DIGIPIN एक छोटे से क्षेत्र (लगभग 4m x 4m) को दर्शाता है, जिससे एड्रेसिंग में जबरदस्त सटीकता आती है237

  • ओपन-सोर्स: इसका तकनीकी डॉक्युमेंटेशन और सोर्स कोड GitHub पर उपलब्ध है, जिससे डेवलपर्स और संस्थान इसे अपने सिस्टम में इंटीग्रेट कर सकते हैं136

  • इंटरऑपरेबिलिटी: DIGIPIN को किसी भी सरकारी या प्राइवेट सिस्टम में आसानी से जोड़ा जा सकता है।

  • गोपनीयता: इसमें कोई निजी डेटा स्टोर नहीं होता, सिर्फ जियोग्राफिक कोऑर्डिनेट्स पर आधारित कोड जनरेट होता है2

  • ऑफलाइन सपोर्ट: DIGIPIN को ऑफलाइन भी जेनरेट और डिकोड किया जा सकता है2

  • रूरल और अनस्ट्रक्चर्ड एरियाज में फायदेमंद: जहां पारंपरिक एड्रेसिंग मुश्किल है, वहां DIGIPIN से सटीक लोकेशन मिलती है247

पारंपरिक पिन कोड बनाम DIGIPIN

विशेषतापारंपरिक पिन कोडDIGIPINपहचान क्षेत्रचौड़ा (लोकलिटी)सटीक (4m x 4m ग्रिड)कोड की लंबाई6 अंक10 अक्षर/अंकलोकेशन आधारितसीमितसटीक जियोग्राफिक कोडएड्रेसिंगडिस्क्रिप्टिवडिजिटल, कोऑर्डिनेट आधारितइंटीग्रेशनसीमितओपन-सोर्स, API सपोर्ट

Know Your PIN Code

  • यह पोर्टल GNSS (Global Navigation Satellite System) फीचर के जरिए यूजर की लोकेशन से सही पिन कोड बताता है।

  • भारत के सभी पिन कोड की जियो-फेंसिंग कर उनका डेटा ओपन गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है16

  • यूजर फीडबैक देकर पिन कोड बाउंड्रीज को और सटीक बनाने में योगदान दे सकते हैं6

DIGIPIN के लाभ

  • डिजिटल गवर्नेंस: सरकारी योजनाओं, सब्सिडी, और पब्लिक सर्विस डिलीवरी में सटीकता बढ़ेगी136

  • लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी: ई-कॉमर्स, कोरियर, और फूड डिलीवरी जैसी सेवाओं में तेज और सटीक डिलीवरी संभव होगी47

  • इमरजेंसी रिस्पॉन्स: डिजास्टर मैनेजमेंट, एंबुलेंस, फायर सर्विसेज को लोकेशन ट्रेस करने में आसानी होगी27

  • रूरल कनेक्टिविटी: गांवों, जंगलों, और अनस्ट्रक्चर्ड एरियाज में भी डिजिटल एड्रेसिंग संभव होगी247

  • ओपन इनोवेशन: ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म होने से स्टार्टअप्स, डेवलपर्स, और सरकारी संस्थान नए सॉल्यूशंस बना सकते हैं136

डिजिटल इंडिया और जियोस्पेशियल गवर्नेंस में बड़ा कदम

यह पहल नेशनल जियोस्पेशियल पॉलिसी 2022 के तहत भारत को डिजिटल एड्रेसिंग के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाएगी। DIGIPIN और Know Your PIN Code पोर्टल्स से हर नागरिक, चाहे वह कितनी भी दूर-दराज़ जगह पर हो, डिजिटल रूप से ट्रेस और सर्विसेबल हो सकेगा1367

सरकारी बयान

“DIGIPIN, विशेष रूप से, एड्रेस की हमारी सोच को बदल देगा, जिससे देश के हर नागरिक—even remotest part—को डिजिटल रूप से लोकेट और सर्विस किया जा सकेगा। ये एप्लिकेशन डिपार्टमेंट की लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडर्नाइजेशन की कोशिशों का प्रमाण हैं।”
— वंदिता कौल, सचिव, डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स
14

जनभागीदारी और फीडबैक

सरकार ने नागरिकों, डेवलपर्स, और संस्थानों से इन पोर्टल्स को आज़माने और फीडबैक देने की अपील की है, ताकि सिस्टम को लगातार बेहतर और स्थानीय जरूरतों के मुताबिक बनाया जा सके167

कैसे करें उपयोग?

निष्कर्ष

DIGIPIN और Know Your PIN Code जैसे डिजिटल टूल्स से भारत का एड्रेसिंग सिस्टम न सिर्फ सटीक और तेज़ होगा, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी मजबूती मिलेगी। इससे न सिर्फ सरकारी सेवाओं की डिलीवरी बेहतर होगी, बल्कि ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, और इमरजेंसी रिस्पॉन्स जैसी सेवाओं में भी क्रांति आएगी। यह पहल भारत को वैश्विक डिजिटल एड्रेसिंग के मानचित्र पर अग्रणी बनाएगी।