ICICI बैंक में 4.58 करोड़ की बड़ी धोखाधड़ी: FD तोड़ी, ओवरड्राफ्ट और लोन से पैसे उड़ाए – जानिए कैसे बचें ऐसे फ्रॉड से!
ICICI बैंक की कोटा ब्रांच में रिलेशनशिप मैनेजर ने 110 खातों से 4.58 करोड़ रुपये निकाल लिए। जानिए कैसे हुआ यह बैंक फ्रॉड, किन तरीकों से FD, ओवरड्राफ्ट और पर्सनल लोन का दुरुपयोग किया गया और आप ऐसे फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं। पढ़ें पूरी जानकारी और बचाव के तरीके।
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Rs 4.58 करोड़ की ICICI बैंक फ्रॉड: FD तोड़ी, ओवरड्राफ्ट और पर्सनल लोन बनाए – जानिए कैसे हुआ घोटाला और इससे कैसे बचें
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राजस्थान के कोटा में ICICI बैंक की एक महिला रिलेशनशिप मैनेजर, साक्षी गुप्ता, ने 2020 से 2023 के बीच 41 ग्राहकों के 110 खातों से करीब 4.58 करोड़ रुपये निकाल लिए। उसने यह रकम स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर दी, जिसमें उसे भारी नुकसान हुआ। इस घोटाले का शिकार ज़्यादातर वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizens) हुए, जो डिजिटल बैंकिंग में बहुत एक्टिव नहीं थे1121520।
फ्रॉड कैसे किया गया?
FD (Fixed Deposit) तोड़ना: 31 ग्राहकों की FD को बिना अनुमति के तोड़कर 1.34 करोड़ रुपये निकाल लिए गए।
ओवरड्राफ्ट सुविधा का दुरुपयोग: 40 खातों में बिना जानकारी के ओवरड्राफ्ट एक्टिवेट किया गया।
पर्सनल लोन: एक ग्राहक के नाम पर 3.4 लाख रुपये का फर्जी पर्सनल लोन लिया गया।
मोबाइल नंबर बदलना: असली ग्राहकों के मोबाइल नंबर हटाकर अपने परिवार के नंबर जोड़ दिए, जिससे OTP और ट्रांजेक्शन अलर्ट ग्राहकों तक न पहुंचे।
डिजिटल चैनल्स का इस्तेमाल: Insta Kiosk, ATM, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर ट्रांजेक्शन किए गए।
पूल अकाउंट: कई खातों से निकाले गए पैसे एक बुजुर्ग महिला के खाते में डाले (जिसे पता भी नहीं था), और वहां से अपने डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर करके स्टॉक्स में इन्वेस्ट किया1121820।
फ्रॉड पकड़ में कैसे आया?
एक ग्राहक ने अपनी FD के बारे में जानकारी लेने के लिए बैंक से संपर्क किया, तब इस घोटाले का खुलासा हुआ। बैंक की ऑडिट टीम ने जांच की और ब्रांच मैनेजर ने पुलिस में FIR दर्ज कराई। पुलिस ने साक्षी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। बैंक ने सभी प्रभावित ग्राहकों को पैसे वापस कर दिए हैं.
ऐसे बैंक फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं? (How to Protect Yourself from Bank Frauds)
1. अपने खाते की निगरानी करें
बैंक स्टेटमेंट और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को नियमित रूप से चेक करें।
हर ट्रांजेक्शन के लिए SMS/ईमेल अलर्ट एक्टिवेट करें। अगर कोई अनजान ट्रांजेक्शन दिखे तो तुरंत बैंक को सूचित करें5716।
2. मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट रखें
सुनिश्चित करें कि आपके खाते में सही मोबाइल नंबर और ईमेल ही रजिस्टर्ड हों।
अगर बैंक से अचानक अलर्ट आना बंद हो जाए, या मोबाइल नंबर बदलने का मैसेज आए, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें11218।
3. गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें
कभी भी अपना OTP, पासवर्ड, डेबिट/क्रेडिट कार्ड नंबर, PIN, या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी से शेयर न करें, यहां तक कि बैंक कर्मचारी से भी नहीं351314।
4. सभी बैंकिंग एक्टिविटी की रसीद और रिकॉर्ड रखें
बैंक से संबंधित सभी ईमेल, मैसेज, और ट्रांजेक्शन की रसीदें संभाल कर रखें।
अगर किसी कर्मचारी के व्यवहार पर शक हो, तो उसकी बातचीत का रिकॉर्ड रखें और लिखित में ही संवाद करें4।
5. पब्लिक वाई-फाई पर बैंकिंग न करें
बैंकिंग सिर्फ सुरक्षित नेटवर्क (जैसे घर का वाई-फाई) पर करें। पब्लिक वाई-फाई पर बैंकिंग करने से बचें313।
6. मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें
पासवर्ड को समय-समय पर बदलें और हमेशा मजबूत पासवर्ड रखें।
OTP या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसी अतिरिक्त सुरक्षा का इस्तेमाल करें31316।
7. बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप ही इस्तेमाल करें
बैंकिंग के लिए हमेशा बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप का ही इस्तेमाल करें। फेक वेबसाइट या लिंक पर क्लिक न करें8913।
8. फर्जी कॉल्स/ईमेल से सावधान रहें
अगर कोई खुद को बैंक कर्मचारी बताकर आपकी जानकारी मांगे, तो सतर्क रहें। बैंक कभी भी फोन या ईमेल पर OTP या पासवर्ड नहीं मांगता91314।
9. शिकायत की प्रक्रिया जानें
अगर आपके खाते में फ्रॉड हो, तो तुरंत बैंक को सूचित करें और शिकायत की रसीद लें। RBI के नियमों के अनुसार, अगर आप 3 दिन के अंदर रिपोर्ट करते हैं तो आपकी जिम्मेदारी नहीं बनती5।
10. सीनियर सिटीजन्स के लिए विशेष सलाह
अपने परिवार के किसी भरोसेमंद सदस्य को बैंकिंग की जानकारी दें।
FD, बैंकिंग या निवेश से जुड़ी कोई भी जानकारी खुद चेक करें या बैंक विजिट करें।
डिजिटल बैंकिंग का बेसिक इस्तेमाल सीखें या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से मदद लें।
बैंक क्या-क्या सुरक्षा उपाय अपनाते हैं?
कर्मचारियों की मॉनिटरिंग और ऑडिट: बैंक अपने कर्मचारियों के ट्रांजेक्शन और सिस्टम एक्सेस की निगरानी करता है।
ID वेरिफिकेशन: हर ट्रांजेक्शन या डॉक्यूमेंट में कर्मचारी का ID नंबर और सिग्नेचर होता है।
व्हिसलब्लोअर सिस्टम: बैंक में फ्रॉड की रिपोर्टिंग के लिए गुप्त चैनल होते हैं।
कर्मचारी रोटेशन और लीव पॉलिसी: RBI के निर्देशानुसार, मुख्य कर्मचारियों को ब्लॉक लीव पर भेजा जाता है, जिससे फ्रॉड पकड़ में आ सके।
अगर फ्रॉड हो जाए तो क्या करें?
तुरंत बैंक को सूचित करें।
बैंक की शिकायत प्रक्रिया फॉलो करें और acknowledgment लें।
साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) या हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें95।
बैंक से पैसे की रिकवरी या क्लेम के लिए लिखित में अप्लाई करें।
निष्कर्ष
ICICI बैंक में हुआ यह फ्रॉड दिखाता है कि आज के समय में बैंकिंग में तकनीक और इंसानी भरोसे दोनों की सुरक्षा जरूरी है। ग्राहकों को सतर्क रहना चाहिए, अपनी वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखना चाहिए, और बैंकिंग एक्टिविटी पर नजर रखनी चाहिए। बैंक भी लगातार सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रहे हैं, लेकिन आपकी जागरूकता सबसे बड़ा हथियार है।
अपने पैसे की सुरक्षा अपने हाथ में रखें – सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!
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