गेंसोल इंजीनियरिंग घोटाला: निवेशकों के लिए सबक, विजय केडिया की राय और 10 जरूरी सलाह
गेंसोल इंजीनियरिंग घोटाले से निवेशकों को क्या सबक मिले? जानें विजय केडिया की राय और 10 जरूरी निवेश सलाह, ताकि आप अगली बार ऐसे घोटालों से बच सकें।
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गेंसोल इंजीनियरिंग घोटाला: क्या है मामला?
गेंसोल इंजीनियरिंग (Gensol Engineering) पर 2025 में बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया, जिसमें कंपनी के प्रमोटर्स ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीद के नाम पर लिए गए करीब ₹978 करोड़ के लोन का दुरुपयोग किया1257। इस लोन से 6,400 EVs खरीदने का दावा किया गया था, लेकिन असल में सिर्फ 4,704 गाड़ियां खरीदी गईं, जिनकी कीमत ₹567.73 करोड़ थी। बाकी करीब ₹262 करोड़ की रकम का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं मिला127।
घोटाले की मुख्य बातें
फंड डायवर्जन: प्रमोटर्स ने लोन का बड़ा हिस्सा अपने और रिश्तेदारों के निजी खर्च, लग्जरी प्रॉपर्टी खरीदने, कैश ट्रांसफर आदि में इस्तेमाल किया1267।
फर्जी ऑर्डर: कंपनी ने 30,000 EVs के ऑर्डर मिलने का दावा किया, लेकिन जांच में ये ऑर्डर फर्जी निकले157।
राउंड-ट्रिपिंग: Gensol और उसकी सप्लायर कंपनी Go-Auto के बीच पैसों की राउंड-ट्रिपिंग (एक ही पैसे को बार-बार घुमाना) पाई गई17।
नकली दस्तावेज: लोन लेने के लिए फर्जी डॉक्युमेंट्स जमा किए गए26।
SEBI की सख्त कार्रवाई: प्रमोटर्स अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को शेयर बाजार और किसी भी पब्लिक कंपनी में डायरेक्टर बनने से रोक दिया गया257। कंपनी के स्टॉक स्प्लिट और अन्य कॉर्पोरेट एक्शन पर भी रोक लगी57।
निवेशकों के लिए सबक
नए निवेशक निफ्टी 50 में ही पैसे लगाए. ज्यादा कमाने के चक्कर में फर्जी कंपनी में ना फंसे. निफ्टी फिफ्टी में लम्बे समय निवेश से अच्छे पैसे बनते है.
इन्वेस्टमेंट कंसलटेंट की सलाह खोजबीन का ज्यादा टाइम नहीं है तो सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट कंसलटेंट की सलाह पर निवेश करे. फीस कि चिंता ना करे. फीस बचाने के चक्कर में आपकी कमाई लूट सकती है.
फंडामेंटल्स पर ध्यान दें: सिर्फ तेजी या मल्टीबैगर रिटर्न देखकर निवेश न करें। कंपनी के फंडामेंटल्स, कर्ज, प्रमोटर की विश्वसनीयता और ऑडिट रिपोर्ट जरूर देखें3।
कॉर्पोरेट गवर्नेंस: कंपनी के कॉर्पोरेट गवर्नेंस और रेगुलेटरी फाइलिंग्स की नियमित जांच करें6।
प्रमोटर की हिस्सेदारी: प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग में अचानक गिरावट या pledged shares पर सतर्क रहें2।
फर्जी घोषणाओं से बचें: बड़े-बड़े ऑर्डर या डील की घोषणाओं पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, उनकी सच्चाई जांचें।
डायवर्जन के संकेत: अगर कंपनी के कैश फ्लो, लोन यूटिलाइजेशन या संबंधित पार्टी ट्रांजैक्शन में गड़बड़ी दिखे, तो सतर्क हो जाएं।\
गेंसोल इंजीनियरिंग घोटाले में निवेशकों का पैसा फंसने की स्थिति
कितने निवेशकों का पैसा फंसा?
गेंसोल इंजीनियरिंग के शेयरों में भारी गिरावट के बाद, लगभग 90 लाख (9 मिलियन) रिटेल निवेशकों का पैसा इस घोटाले में फंसा हुआ है।
SEBI की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी और उसके प्रमोटरों द्वारा की गई फंड डायवर्जन और गवर्नेंस की भारी अनियमितताओं के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।
घोटाले का पैमाना और निवेशकों को हुआ नुकसान
गेंसोल के शेयर अपने उच्चतम स्तर से 91% तक गिर गए हैं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
कंपनी ने लगभग ₹975 करोड़ के लोन लिए थे, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद के लिए था, लेकिन इन फंड्स का बड़ा हिस्सा प्रमोटर-लिंक्ड कंपनियों और व्यक्तिगत खर्चों में डायवर्ट कर दिया गया।
SEBI की जांच में सामने आया कि करीब ₹200 करोड़ से अधिक की राशि प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं में घुमाई गई और व्यक्तिगत खर्चों में लगाई गई।
विजय केडिया की राय
शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक विजय केडिया ने इस घोटाले पर कहा कि "Gensol जैसी कई कंपनियां अभी भी बाजार में छुपी हुई हैं"। उन्होंने निवेशकों को आगाह किया कि सिर्फ नाम, तेजी या ट्रेंड देखकर निवेश न करें, बल्कि कंपनी की असलियत और प्रमोटर की नीयत को समझना जरूरी है।
“फटने को तैयार बैठी हैं Gensol जैसी कई कंपनियां... निवेशकों को चाहिए कि वे कंपनी के प्रमोटर, बैलेंस शीट और बिजनेस मॉडल की गहराई से जांच करें।”
— विजय केडिया
निष्कर्ष
गेंसोल इंजीनियरिंग घोटाले ने यह साफ कर दिया है कि शेयर बाजार में सतर्कता, रिसर्च और प्रमोटर की पारदर्शिता सबसे जरूरी है। सिर्फ मल्टीबैगर रिटर्न के लालच में बिना जांच-पड़ताल के निवेश करना भारी नुकसान दिला सकता है।