बुढ़ापे के कष्ट भोग कर बुरी मौत मरने से डर लगता है, महाराज जी क्या बोले ?

I am afraid of dying a bad death after suffering the pains of old age. What did Maharaj Ji say?

SPRITUALITY

Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj, Shri Hit Radha Keli Kunj, Varah Ghat, Vrindavan Dham

12/12/20241 min read

बुढ़ापे के कष्ट भोग कर बुरी मौत मरने से डर लगता है, महाराज जी क्या बोले ?

एक वृद्ध महिला ने महाराज जी से पुछा, महाराज जी बुढापे को भोगने से डर लगता है.

महाराज जी

अरे राधा राधा जपो, जैसे जवानी है, वैसे बुढ़ापा है, यह सिस्टम केवल बुढ़ापे से ही कोई रुक जाएगा. जवानी, बुढापे के बाद फिर मृत्यु आने वाली है फिर जन्म आने वाला है. इसी कर्म को काटने के लिए तो हमें मानव देह मिला है। हम बुढ़ापे की चिंता ना करें प्रभु का चिंतन करें. जो तुम्हें नाम प्रिय है, उस नाम का जाप करो.

काल का कसाई वाड़ा

तुम थोड़ी बुढ़ापे में कोई हो, शरीर बुढ़ापे में है, शरीर तो चला जाएगा, आज नहीं तो कल चला जाएगा. पक्का चल जाएगा. जवान का नहीं चला जाता. 1 मिनट में जैसे आयु पूरी हुई, जैसे एक्सीडेंट हो जाए या दिल फेल हो जाए कोई ना कोई कारण बन जाता है इसका नाम मृत्यु लोक है.

हिंदी में बोले तो काल का कसाई वाड़ा है. चाहे जितना हरी हरी घास चर रहे हो, गढ़ांसा भी तैयार हो रहा है. पक्की बात समझ लो, यहां कोई मित्र है, ना यहां ना कोई शत्रु .ना कोई अपना है ना पराया है. परमात्मा नाटक कर रहा है. उसी को जान लो, उसी के स्वरूप में हो जाओ तो मुक्त है नहीं तो एक के बाद एक जन्एम लेते रहो. इसी चक्र को रोकने के लिए साधन, धाम किया जाता है.

कोई भय का विषय नहीं होता अगर भगवान से चित्त जुड़ जाए. केवल बातें बनाने से काम नहीं चलता इसका अनुभव किया जाता है, अब जैसे पूरा संसार में समय काट दिया है, अब डर लग रहा है.

हमारे पास सबकुछ है पर अब डर है मर के सब छुटेगा

एक सज्जन आए थे यहां बैठे थे उन्होंने कहा था हर वस्तु हमारे पास है. कोई बड़े अधिकारी थे पदाधिकारी थे पर मुझे एक डर लग रहा है कि सब छूटेगा, मैं मरूंगा, इसका क्या उपाय है. हमने कहा अभी चांस है राम-राम कृष्ण कृष्ण, हरि हरि, राधा राधा भजन प्रभु का सुमिरन कर लो.

आजमिल ने अपने पुत्र के बहाने नारायण बुलाया तो भगवान के पार्षद आ गए और निर्भय पद प्रदान किया और तुम जानकर नारायण बोलोगे, हरि बोलोगे, कृष्णा बोलोगे क्या तुम्हारा कल्याण नहीं हो जाएगा.

क्या करना है ?

हमें भगवान से बिना जुड़े परम लाभ नहीं मिल सकता तो इसलिए हमारी प्रार्थना है कि बुढ़ापे का चिंतन मत करो, यह तो जाएगा, भगवान का नाम जप कर लो. भगवान के नाम के बिना मंगल होने वाला नहीं. खूब नाम जप करो. हां उनके अनंत नाम है जो नाम तुम्हें प्रिय हो या गुरुदेव ने दिया हो वह खूब नाम जप करो. समझ रही हो.

भैया हां डरो मत. हमें शरीर को कष्ट भोगने पड़ेंगे पता नहीं बिना कष्ट भोगे चली जाओ ऐसा भी तो हो सकता है कि राम-राम जप रहे हो कृष्ण कृष्ण जप रहे हो दिल फेल हुआ चले गए 1 मिनट नहीं लगता कभी-कभी किसी को देखो ना आराम से वह चले गए तो हमको आगे की बात सोच कर डरना नहीं.

हमें वर्तमान के सेकंड को नाम में लगाना है. एक भी पल हम भगवान का विस्मरण ना करें तो निर्भय निश्चित निशोक हो जाओगे पर भजन के बिना तो यह सब बेकार है भजन के बिना तो हमें कुछ अच्छा नहीं लगता कि कोई भी निश्चित निशोक नहीं हो सकता. चिंता, शोक, विषाद यह उसके जीवन में बने रहेंगे जो जब तक भजन नहीं करेगा.

सब सुख है पर खुश नहीं हूँ

यहाँ एक आए थी, यहां बैठी थी, वह कहती थी सब सुख है हमारे पास. सब बढ़िया है. पर मैं खुश नहीं हूं हमें बहुत अच्छा लगा बहुत अच्छा लगा. हमारे शास्त्र जैसे कहते हैं वह प्रणाम आप दे रहे हो. आप कुछ नहीं हो क्योंकि एक भगवान को तुमने स्वीकार नहीं किया एक भगवान को केवल स्वीकार न करने का सब कुछ होने पर भी कुछ नहीं है. आपके पास ना यह रूप जाएगा, ना यह वैभव जाएगा इसलिए अंतरात्मा खुश नहीं है वह तभी खुश होगी जब भगवान को अपना मान लो जो हमारे हैं. उनका मन से उनका भजन करो..यही दुखों को मिटाने के लिए हमारा मानव जीवन हुआ था।