"कृष्णाय वासुदेवाय ..." मंत्र का जप कैसे करें ?
Experience the spiritual power of the Krishna Vasudevaya Mantra with Bhajan Marg by Param Pujya Vrindavan Rasik Sant Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj at Shri Hit Radha Keli Kunj, Vrindavan Dham. how this sacred mantra helps in devotion and the removal of suffering
SPRITUALITY


"कृष्णाय वासुदेवाय ..." मंत्र का जप कैसे करें ?
Keywords
Krishna Vasudevaya Mantra
Bhajan Marg
Param Pujya Vrindavan Rasik Sant
Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj
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Vrindavan Dham
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Spiritual Satsang
Bhagavat Path
Power of Krishna Vasudevaya Mantra
Mantra for Suffering Removal
Guru-Disciple Tradition
Importance of Mantra Meditation
Krishna Vasudevaya for Devotion
महाराज जी के परिकर ने पुछा, महाराज जी आपने सत्संग में कृष्णाय वासुदेवाय वाला मंत्र बताया था, उसका जाप कैसे करें?
महाराज जी ने बताया, यह प्रार्थना और पुकार है, उसका जाप से मतलब नहीं. यह तो आर्थभाव से पुकारना है.
महाराज जी ने बताया कि जब 20,000 राजाओं को जरासंध ने बंदी बना लिया, सबने भगवान से प्रार्थना की—"ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ॥"। तो भगवान् कृष्ण ने उन्हें बचा लिया और जरासंध को दो भागो में चिरवा दिया.इसमें प्रधानता हृदय के आर्थभाव की है—भगवान से शरणागत भाव से दुख निवारण की प्रार्थना।
यह मंत्र दुख निवारण के लिए सिद्ध मंत्र है, पर पवित्रता शौच आदि और आर्थभाव जरूरी है।
निरंतर भगवान का स्मरण करो, तो दुख दूर होंगे।
SOURCE: https://youtu.be/cGQXsq1_BbA?si=2460ZixzQman5TMz
अतिरिक्त जानकारी
कृष्णाय वासुदेवाय मंत्र का पूरा पाठ इस प्रकार है:
ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।
प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ॥मंत्र का अर्थ:
"ॐ, मैं भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करता हूँ, जो वासुदेव के पुत्र हैं और परमात्मा हैं। जिनके समक्ष सभी दुःख समाप्त हो जाते हैं, उन्हें बार-बार प्रणाम करता हूँ, जो गोविंद कहलाते हैं।"मंत्र का उच्चारण:
Om Krishnaya Vasudevaya Haraye Paramatmane
Pranatah Kleshanashaya Govindaya Namo Namahमंत्र के लाभ:
यह मंत्र जीवन के कष्ट, क्लेश और संकट को दूर करने वाला माना जाता है।
नियमित जाप से मानसिक शांति, भक्ति और आत्मबल की प्राप्ति होती है।
सुबह या शाम 108 बार जाप करने की परंपरा है।
जाप की विधि:
शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें, मन को भगवान श्रीकृष्ण की छवि पर केंद्रित करें।
माला का उपयोग कर सकते हैं।
श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का उच्चारण करें।
यह मंत्र श्रीकृष्ण की महिमा का गान करता है और भक्तों के लिए विशेष रूप से संकट के समय अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।