वृन्दावन जाने से पहले यह पढ़ ले परेशान होने से बच सकते हैं

Read this before going to Vrindavan, you can avoid getting troubled

SPRITUALITY

Dheeraj Kanojia

1/3/20251 min read

वृन्दावन जाने से पहले यह पढ़ ले परेशान होने से बच सकते हैं

इस समय वृन्दावन धार्मिक आस्था का हॉट स्पॉट बना हुआ है. हर रोज लाखों भक्त वृन्दावन में बांके बिहारी जी, राधा रमण जी, राधावल्ल्लभ जी समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन करने आते है. इसके अलावा परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन के लिए भी रोज हजारों, लाखों की संख्या में आधी रात को सड़को में भक्त खड़े हो जाते है. महाराज जी 2.15 बजे रात को वृन्दावन के चैतन्य विहार की कृष्णम सोसाइटी से बाहर आते है और करीब 2 किलोमीटर चलके रमण रेती बराह घाट में श्री राधा केलि कुञ्ज आश्रम में सत्संग के लिये आते है. शनिवार और रविवार ज्यादा भीड़ हो जाती है.

इन पॉइंट्स को फॉलो करोंगे तो परेशान नहीं होंगे

सबसे पहले जान ले कि वृन्दावन मेन सिटी में सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक और फिर 3 या 3.30 दोपहर से रात के 9-9.30 बजे तक कार ले जाने पर रोक लग जाती है. दोपहर 1 बजे से 3.30 बजे तक एंट्री पॉइंट खुले होते है. कई बार ज्यादा भीड़ को देखते हुए इस समय में भी गाडी अंदर ले जाना मना होता है.

पुलिसवाले वृन्दावन के चारो ओर के एंट्रिरी पॉइंट को बेरिकेड से बंद कर देते हैं और हर एंट्री पॉइंट के ठीक बाहर पार्किंग स्थल है जहाँ गाडी खड़ी करनी होती है. यहाँ से आगे ई-रिक्शा से आगे जाया जाता है.

अब यदि आपको एक दिन में ही वृन्दावन जाना और आना है, तो गाडी सिटी से बाहर खड़ी की जा सकती है और प्रमुख मंदिर के दर्शन कर वापस पार्किंग में गाडी लेकर आके वापस लौटा जा सकता है.

लेकिन यदि आपको वृन्दावन में ठहरना है तो आप चाहेंगे कि आप गाडी सीधा होटल में या उसके आसपास ही पार्क करे, इसके लिए आपको सुबह 7 बजे से पहले एंट्री करनी होगी या फिर दोपहर 1 से 3 बजे के बीच में आना होगा. अगर ऐसा नहीं कर पाते तो आपको बाहर अपनी गाडी खड़ी करनी होगी. फिर रात में 9 बजे के बाद एंट्री खुलने पर ही गाडी को लेना पड़ेगा.

अगर आप सुबह 7 बजे से पहले या फिर दोपहर 1 से 3 बजे के बीच आते हैं और गाडी अंदर हो जाती है, तो सिटी के होटल में गाडी करके वहां से मंदिर काफी नजदीक है और ई रिक्शा का किराया भी कम लगता है. बुर्जगों को भी इससे सुहीलियत होती है.

इन दिनों में कभी नहीं आये

अगर भीड़ से बचना है तो शनिवार, रविवार को आने से परहेज करे. एकादशी पर भी भीड़ होती है क्योंकि उस दिन भक्त वृन्दावन की परिक्रमा लगाते हैं. गुड फ्राइडे, 26 जनवरी, 15 अगस्त, 2 अक्तूबर जैसी छुट्टिया या फिर दो से तीन दिन की एकसाथ छुट्टियों, गर्मी और न्यू इयर क्रिसमस (25 दिसम्बर से 5 जनवरी) की छुट्टियों पर भी आने से बचे.

इन दिनों में कम भीड़

पितृ पक्ष श्राद्ध के दिन , रक्षा बंधन, दिवाली या उसके एक दिन बाद, सभी वर्किंग डे, जिस दिन तेज बारिश हो रही हो.

इस समय जाने से करे परहेज

मेरा अनुभव बताता है कि शाम को बांके बिहारी जी समेत मंदिरों में ज्यादा भीड़ होती है, जबकि बिहारी जी के दरबार सुबह सर्दी गर्मी में 7.15 से 8.15 के बीच खुलते हैं. पर जैसे ही मंदिर खुलता है, वहां पहले ही भीड़ जमा होती है, जो मंदिर के कपाट खुलते ही टूट पड़ती है, जिससे बहुत ज्यादा धक्का मुक्की हो जाती है. इसलिए सुबह 9.30 से 10 बजे भीड़ कम होने के चांस है. ऐसा कोई निश्चित नहीं है, मैंने अपने अनुभव के आधार पर संभावना जताई है.

बिहारी जी को दूर से निहारे

बांके बिहारी जी में सबसे ज्यादा भीड़ होती है. बिहारी जी को बिलकुल पास से निहारना बहुत चुनौती भरा है,क्योंकि बहुत भीड़ होती है. इसलिए एंट्री के समय सीडी उतरने से पहले ठाकुर जी को दूर से ही निहारा जा सकता है, जबकि सीडी उतरने के बाद मंदिर परिसर में कुछ देर खड़े होकर दर्शन किये जा सकते है. बिलकुल अन्दर घुसकर दर्शन जाना बहुत मुश्किल है, मैं ऐसी कभी कोशिश नहीं करता. वहां किनारे में गोसाई जी पंडित जी के जरिये ठाकुर जी को प्रसाद चढ़ा दें. बिना के चश्मे के ठीक से दिखाई नहीं देता तो चश्मा लगाकर ठाकूर जी को दूर से अच्छे से निहारे. हाँ मंदिर के बाहर जाते ही चश्मा जरूर उतार कर जेब में रख ले, क्योंकि बन्दर महाराज जी चश्मा खींच के ले जाते है. परदे थोड़ी थोड़ी देर में सेकंड के लिए खुलते बंद होते रहते हैं.

कहाँ ठहरे ?

मेरा अनुभव है कि बजट रूम देखे तो रमण रेती रोड पर भक्ति योग धाम धर्मशाला में 2 से 3 लोग के लिए 1200 रूपए और फैमिली रूम 2000 रूपए में मिलता है. वैसे तो बहुत सी धर्मशालाएं है, लेकिन ज्यादातर भरी रहती है. यहाँ रूम मिलने की संभावनाएं मुझे ज्यादा लगती है. यहाँ गाडी की पार्किंग भी है.

अगर थोडा ज्यादा बजट या थोडा लक्सरी में जाना है तो आनंदम कृष्ण वन अच्छा आप्शन है. यहाँ 3000 में 3 लोग और 5000 प्लस टैक्स में family रूम मिल सकता है. इन दोनों स्थल से महाराज जी का आश्रम नजदीक है और सुबह जिस मार्ग से वह गुजरते है वहां से भी पास है. अटला चुंगी पर ब्रज बसेरा होटल भी एवरेज लक्ज़री केटेगरी में अच्छा है. वहां से महाराज जी का आश्रम दूर है. गूगल पर इन जगहों के फोन नम्बर उपलब्ध है.