वरिष्ठ नागरिक कैसे लालच में आकर साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं? जानें नए-नए साइबर फ्रॉड के तरीके और बचाव
How senior citizens fall prey to cyber fraud due to greed: Learn about the latest cyber scam techniques and essential safety tips to protect elderly loved ones from online scams.
FINANCE


भूमिका
डिजिटल इंडिया के दौर में जहां हर उम्र के लोग इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नागरिक तेजी से साइबर ठगों के निशाने पर आ रहे हैं। खासकर जब बात लालच या जल्दी पैसा कमाने की आती है, तो बुजुर्ग अक्सर ठगों के जाल में फँस जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि वरिष्ठ नागरिक किस तरह लालच में आकर साइबर फ्रॉड के शिकार बन रहे हैं, उनके साथ हुए असली केस, और इससे बचने के उपाय।
क्यों फँस जाते हैं वरिष्ठ नागरिक साइबर ठगी में?
डिजिटल साक्षरता की कमी: वरिष्ठ नागरिकों को तकनीक की उतनी समझ नहीं होती, जिससे वे फर्जी वेबसाइट, ऐप या ईमेल को पहचान नहीं पाते।
आसान विश्वास करना: बुजुर्ग स्वभाव से भरोसा करने वाले होते हैं, और ठग इसी बात का फायदा उठाते हैं।
अकेलापन और भावनात्मक कमजोरी: अकेलेपन की वजह से बुजुर्ग जल्दी किसी अनजान से दोस्ती या मदद की उम्मीद करने लगते हैं210।
लालच या जल्दी पैसा कमाने की चाह: बड़ी रकम, इनाम या निवेश के झूठे वादों में आकर वे जल्दी फँस जाते हैं।
डर और धमकी: कभी-कभी ठग पुलिस या सरकारी अधिकारी बनकर डराते हैं, जिससे बुजुर्ग घबरा जाते हैं और उनकी बातों में आ जाते हैं।
लालच के कारण होने वाले प्रमुख साइबर फ्रॉड
1. निवेश (Investment) और शेयर ट्रेडिंग स्कैम
केस: मुंबई के 75 वर्षीय रिटायर्ड शिप कैप्टन को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा दिखाया गया। उन्होंने 22 बार में 11.16 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। जब पैसे निकालना चाहा, तो बार-बार टैक्स और चार्ज के नाम पर और पैसे मांगे गए, और अंत में सारा पैसा डूब गया12।
कैसे फँसते हैं: बड़े मुनाफे, गारंटीड रिटर्न, या सेलेब्रिटी के नाम पर निवेश का लालच देकर बुजुर्गों को फँसाया जाता है।
2. डिजिटल अरेस्ट और सरकारी अधिकारी बनकर ठगी
केस: नोएडा के 78 वर्षीय बुजुर्ग को पुलिस, CBI और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी बनकर ठगों ने 15 दिन तक वीडियो कॉल पर 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा और 3.14 करोड़ रुपये 'सीक्रेट सुपरविजन अकाउंट' में ट्रांसफर करवा लिए।
कैसे फँसते हैं: सरकारी जांच, मनी लॉन्ड्रिंग, या कोर्ट केस के नाम पर डराकर पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। फर्जी कोर्ट ऑर्डर, पुलिस ID आदि दिखाकर भरोसा दिलाते हैं3911।
3. ऑनलाइन शॉपिंग और रिफंड स्कैम
केस: मुंबई की 70 वर्षीय महिला ने ऑनलाइन टॉवल खरीदते वक्त 1,169 रुपये की जगह 19,005 रुपये कटवा दिए। रिफंड के नाम पर फर्जी बैंक कर्मचारी ने ऐप डाउनलोड करवाया और 8.3 लाख रुपये निकाल लिए4।
कैसे फँसते हैं: सस्ते सामान, भारी छूट या रिफंड के लालच में बुजुर्ग फर्जी वेबसाइट या ऐप पर क्लिक कर बैठते हैं4।
4. टेक सपोर्ट और बैंक अधिकारी बनकर ठगी
केस: दिल्ली की एक महिला से फर्जी टेक सपोर्ट बनकर कंप्यूटर का एक्सेस ले लिया और 4 लाख रुपये निकाल लिए। मुंबई में एक बुजुर्ग से बैंक अधिकारी बनकर OTP और गोपनीय जानकारी लेकर 10 लाख रुपये ठग लिए गए10।
कैसे फँसते हैं: कंप्यूटर में वायरस, KYC अपडेट, या बैंक अकाउंट ब्लॉक होने का डर दिखाकर बुजुर्गों से जानकारी या एक्सेस ले लेते हैं1610।
5. चैरिटी और लॉटरी स्कैम
कैसे फँसते हैं: बुजुर्गों को फर्जी चैरिटी, लॉटरी या इनाम के नाम पर लालच दिया जाता है, जिससे वे अपने बैंक डिटेल्स या पैसे दे बैठते हैं5।
असली केस स्टडीज
दिल्ली: रिटायर्ड प्रिंसिपल रेनू विश्वनाथ ने KYC अपडेट के नाम पर लिंक पर क्लिक किया और 4 लाख रुपये गँवा दिए6।
लुधियाना: 80 वर्षीय महिला ने 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम में 47.39 लाख रुपये खो दिए6।
बेंगलुरु: 77 वर्षीय महिला को टेलीकॉम डिपार्टमेंट का अधिकारी बनकर SIM फ्रॉड में 1.2 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया11।
चंडीगढ़: 82 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल को फर्जी सुप्रीम कोर्ट लेटर दिखाकर 3.4 करोड़ रुपये ठग लिए गए9।
साइबर ठगों के आम हथकंडे
नकली वेबसाइट, ऐप या ईमेल बनाना
फर्जी कॉल्स करना (सरकारी अधिकारी, बैंक, पुलिस आदि बनकर)
भारी रिटर्न, इनाम या छूट का लालच देना
डराना-धमकाना (कानूनी कार्रवाई, अकाउंट फ्रीज, गिरफ्तारी)
टेक्निकल सपोर्ट या रिफंड के बहाने रिमोट एक्सेस लेना
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचाव के उपाय
कभी भी OTP, पासवर्ड, या बैंक डिटेल्स किसी को न दें – न बैंक, न पुलिस, न कोई सरकारी अधिकारी कभी ये जानकारी मांगता है6।
फर्जी कॉल्स, ईमेल या वेबसाइट से बचें – हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट या नंबर से ही संपर्क करें46।
लालच या जल्दी मुनाफे के झाँसे में न आएं – कोई भी स्कीम जो बहुत ज्यादा मुनाफा दे, वह फर्जी हो सकती है212।
रिमोट एक्सेस ऐप्स न डाउनलोड करें – कोई भी अनजान व्यक्ति अगर ऐप डाउनलोड करवाने को कहे, तो मना करें410।
परिवार या दोस्तों से सलाह लें – किसी भी संदिग्ध कॉल या स्कीम के बारे में अपनों से बात करें25।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करें – जितनी जल्दी शिकायत करेंगे, पैसे वापस मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी।
निष्कर्ष
वरिष्ठ नागरिकों को लालच, डर, और तकनीकी जानकारी की कमी के कारण साइबर ठगों का आसान शिकार बनाया जा रहा है। असली केसों से सीख लेकर जरूरी है कि बुजुर्ग सतर्क रहें, परिवार उनका साथ दे, और जागरूकता फैलाएं। याद रखें – “सावधानी हटी, दुर्घटना घटी”।
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