श्रीजी फिर करेंगी कृपा, महाराज जी के सत्संग के लिए एक बड़ा कैंपस बनाने की सख्त जरुरत

Shreeji will bless again, there is an urgent need to build a big campus for Maharaj's ji Satsang

SPRITUALITY

Dheeraj Kanojia

2/18/20251 min read

श्रीजी फिर करेंगी कृपा, महाराज जी की पदयात्रा पहले के रूट पर फिर शुरू होने के बाद भी कई बड़े कदम उठाने की जरूरत

सद्गुरु देव भगवान् के प्रति प्रेम के भाव के नाते मुझे ख़ुशी है कि उनकी पदयात्रा पहले के रूट पर फिर दुबारा शुरू हो गई है. उनके एक छोटे से भक्त के नाते मुझे लगता है कि भगवान् ने सद्गुरु देव जी के माध्यम से हम लोगो को अपने कल्याण का बहुत मौका दिया है और हमें इस मौके का पूरा लाभ उठाना चाहिए.

मदनटेर से राधा केलि कुञ्ज कैसे और क्यों आये महाराज जी

मदनटेर में महाराज जी के सत्संग के आपने पुराने वीडियो देखे होंगे. उसमें महाराज जी एक छोटे से कमरे या हॉल में बैठकर सत्संग करते थे और उसमें ज्यादा लोग अंदर नहीं बैठ पाते थे. एक बार महाराज जी ने बताया था कि एक बार वे मदनटेर में सत्संग कर रहे थे. सर्दी का समय था और बारिश भी हो गई. भक्त बारिश के बावजूद सत्संग में बैठे रहे, कोई नहीं हटा. महाराज जी इससे आहत हुए. उन्होंने श्री जी से मन ही मन कुछ व्यवस्था करने की प्रार्थना की और कुछ समय के बाद उनके परिकरों, भक्तों और साधकों ने एकजुट होकरकर राधा केलि कुञ्ज में श्रीजी की प्रेरणा से नई व्यवस्था बनाई, महाराज जी बताते है कि उनके कई परिकरों ने इसके लिए अपने जीवन भर की जमा पूंजी इस काम में लगा दी. महाराज जी जिस कार में बैठकर आते है और जिस फ्लैट में रहते हैं वो भी उनके परिकर और भक्तो ने अपने संसाधनों से जुटाई हैं.

जितने भक्त सड़क पर महाराज जी का करते हैं दर्शन, उतनी संख्या में क्यों नहीं लेते है सत्संग

पहले की तुलना में महाराज जी की लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है. महाराज जी के सत्संग और एकान्तिक वार्तालाप को उनके सामने बैठकर सुनने और मनन करने से लाखो लोगों का जीवन बदल सकता है. अभी यूटूब आदि के माध्यम से भी लोग काफी फायदा ले रहे है, लेकिन आमने सामने बैठकर और वृन्दावन की रज पर हजारों, लाखो लोग बैठकर अगर उनका संत्संग का लाभ लेते है, तो इससे बढ़िया कुछ हो ही नहीं सकता.

अभी जगह छोटी होने की वजह से सिर्फ 100 से कुछ ज्यादा ही लोग इसका लाभ ले पाते हैं. जिनमे से 'बहुत से वृन्दावन वासी विरक्त व ग्रहस्थ परिकर को देखते हुए सीमित' जगह होती है. ऐसे में वे लोग (जिन्हें पता नहीं कि गुरु क्या होता है, गुरु कैसे साधक के जीवन में प्रकाश डालता है. कैसे परमार्थ के रास्ते पर चला जाता है) को महाराज जी के दर्शन सत्संग और एकान्तिक वार्तालाप पाने का लाभ लेने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. एक दिन पहले तड़के सुबह के 3.30 बजे टोकन मिलते है. भीड़ इतनी होती है कि 3-4 घंटे पहले लाइन में खड़े हो और इसके बाद टोकन मिल जाए तो बड़ी बात है.

कृष्णम शरणम् सोसायटी में अपनी कुटिया से लेकर राधा केलि कुञ्ज की करीब 2 किलोमीटर यात्रा के दौरान हजारों श्रृद्धालु उनके दर्शन का लाभ लेते हैं, लेकिन दर्शन करने के बाद वे अगर उनके सत्संग का भी लाभ ले पाए तो उनको ज्यादा लाभ होगा. अभी दुनियाभर से आये ज्यादातर भक्त दर्शन करने के बाद अपने होटलों और घरों में सो जाते हैं. जिनको सत्संग का टोकन मिल जाता है, वो तो महाराज जी का सत्संग आमने सामने सुनने के लिए सत्संग हॉल में चले जाते है. सत्संग सुनने के जिन इच्छुक भक्तो को हॉल में जगह नहीं मिल पाती वे केलि कुञ्ज से थोडा सा ही पास में गौतम ऋषि आश्रम में टीवी के माध्यम से लाइव सतसंग सुना जाता है. अगर महाराज जी के सत्संग सामने से बैठकर सुनने की व्य्पस्था हो जाए, तो उनके दर्शन करने के लिए सड़क पर खड़े होने वाले भक्त उनका सत्संग और एकान्तिक का लाभ ले पायेंगे, जितने भक्त सड़क पर उनके दर्शन करते हैं, उतने वहां बैठकर सत्संग नहीं सुनते, अगर उनको महाराज जी के सामने से बैठकर दर्शन करने का मौका मिलेगा, तो वे जरुर सत्संग भी सुनेंगे. वीडियो से सत्संग सुनने से इतने लोगो की जिन्दगी बदल गयी है, तो वृन्दावन में बैठकर सामने से महाराज जी के अनमोल सत्संग सुनकर तो बहुत ज्यदा प्रभाव पड़ेगा.

श्रीजी कृपा करे

जिस तरह से श्री जी की कृपा से महाराज जी मदन टेर से राधा केलि कुञ्ज आये थे, उसी तरह श्री जी आप फिर ऐसी कृपा करो कि सभी भक्तो को महाराज जी के सत्संग का सीधा लाभ मिल सके. आप योगी सरकार, प्रशासन, महाराज जी के हर भक्त (प्रतिष्ठित से लेकरआमजन) और परिकर को प्रेरित करे ताकि महाराज जी के सत्संग के लिए बड़े स्थान की व्यवस्था हो सके. श्रीजी आपसे निवेदन है कि वृन्दावन में एक बड़े कैंपस की व्यवस्था हो जाए, जिसमे महाराज जी का वास भी हो. महाराज जी कैंपस में से ही ज्यादा से ज्यादा भक्तो को दर्शन दे सके. एक बड़े सत्संग हाल में बड़ी संख्या में भक्त सत्संग और एकान्तिक का लाभ भी ले सके. श्रीजी आपसे निवेदन है कि महाराज जी को आप इसके लिए प्रेरित करे.