पत्नी और पुत्रवधू आपस में झगड़े तो पति (ससुर) को क्या करना चाहिए ?
What should the husband (father-in-law) do if the wife and daughter-in-law fight?
लड़ाई झगड़े का समाधान RESOLVE CONFLICT
पत्नी और पुत्रवधू आपस में झगड़े तो पति (ससुर) को क्या करना चाहिए ?
उत्तर-
ससुर का बहु के प्रति कर्तव्य
पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी को धमकाये और पुत्रवधू को आश्वासन दे कि मैं तुम्हारी सास को समझाऊंगा. अपनी पत्नी को एकान्तमें समझाये कि 'देखो! तुम ही इसकी माँ हो। यह अपने माता-पिता, भाई-भौजाई आदि सबको छोड़कर हमारे घर आयी है। अतः तुम्हारा कर्तव्य है कि तुम इसका अपनी पुत्रीकी तरह पालन करो, प्यार करो। यह अपने दुःखकी बात तुम्हारे सिवाय किसको कहेगी ? अपना आधार, आश्रय किसको बनायेगी ?'
पुत्रवधू का कर्तव्य
पुत्रवधूको समझाना चाहिये कि 'देख बेटी! सास जो करती है बहूके हितके लिये ही करती है। पुत्र जन्मता है, तभीसे वह आशा रखती है कि मेरी बहू आयेगी, मेरा कहना करेगी, मेरी सेवा करेगी ! ऐसी आशा रखनेवाली सास बहूका अहित कैसे कर सकती है? बचपना होनेके कारण, अपने मनके अनुकूल न होनेसे तेरेको सासकी बात बुरी लगती है। बेटी! तू अपने माँ- बाप आदि सबको छोड़कर यहाँ आयी है तो क्या एक सासको भी राजी नहीं रख सकती ! सास कितने दिनकी है? यहाँकी मालकिन तो तुम ही हो। तुम दोनोंकी लड़ाई भले आदमी सुनेंगे तो इसमें दोष (गलती) तुम्हारा ही मानेंगे; जैसे-बड़े-बूढ़े और बालक आपसमें लड़ें तो दोष बच्चोंका ही माना जाता है, बड़े- बूढ़ोंका नहीं।
निष्कर्ष
ससुर कहे कि अतः इन सब बातों को खयाल में रखते हुए तुम्हें अपने व्यवहारका सुधार करना चाहिये, जिससे तुम्हारा व्यवहार सासको बुरा न लगे। कभी तुमसे कटु बर्ताव हो भी जाय तो सासके पैरोंमें पड़कर, रोकर क्षमा माँग लेनी चाहिये। इसका सासपर बड़ा अच्छा प्रभाव पड़ेगा, जिससे तुम दोनोंकी तथा घरकी शोभा होगी, घर सुखी होगा। एक तुम्हारे बिगड़नेसे पूरा घर अशान्त हो जायगा। घरकी अशान्तिका कारण तुम क्यों बनती हो ? तुम बड़ोंकी आज्ञाका पालन करो; सुबह-शाम बड़ोंके चरणोंमें पड़ो। सास कुछ भी कह दे, उसके सामने बोलो मत। जब वह शान्त हो जाय, तब अपने मनकी बात बड़ी शान्तिसे उसको बता दो। वह माने तो ठीक, न माने तो ठीक, तुम्हारा कोई दोष नहीं रहेगा।'