बातों से यमुना जी की नहीं होगी सफाई, फैक्टरी, सीवर, नालों का गन्दा पानी रोके सरकार, कर्तव्य परायण पुरुष यमुना जी की सफाई के लिए पैसा पास करवाए और लगाए नहीं तो वह भी खा जाएंगे
Yamuna ji will not be cleaned by talking, the government should stop the dirty water of factories, sewers and drains, the duty-bound men should get the money passed for cleaning Yamuna ji and spend it, otherwise they will eat up that too
SPRITUALITY


बातों से यमुना जी की नहीं होगी सफाई, फैक्टरी, सीवर, नालों का गन्दा पानी रोके सरकार, कर्तव्य परायण पुरुष यमुना जी की सफाई के लिए पैसा पास करवाए और लगाए नहीं तो वह भी खा जाएंगे
बातों से तो नदियां पवित्र होने वाली नहीं. वृंदावन की जितनी भी नालियां हैं, जितना भी गंदा जल है वह सब यमुना जी में जा रहा है. नाला देख लो.
जब तक इसकी व्यवस्था नहीं होगी, तो बातों से तो यमुना जी तो साफ होने वाली नहीं है.
आप दिल्ली में जाकर देखो फैक्ट्री का केमिकल सीधे जहर यमुनाजी में गिर रहा है. फेन का फेन. आप लोग तो समाचार देखते हैं.
जब तक यह गंदे नाले का गंदा जल इसको मशीनों के द्वारा फिट करके नहर आदि निकल जाए तो दूषित पानी जब नहीं जाएगा तो यमुना जी का जल स्वच्छ हो सकता है .अब ऐसा जहरीला पानी जाता हैं कि मछलियां मर जाती हैं, कछुए मर जाते हैं, जो हमारी प्रकृति के लिए जरूरी है. वे जीव् मर जाते हैं.
अब इसको बड़े स्तर से सुधारा जा सकता है. छोटे स्तर में नहीं हो सकता.
अब यमुना जी नीचे हैं और ऊंचे में नगर बसे हैं तो पूरा लैट्रिन बाथरूम, सीवर का पानी बहकर यमुना जी में जा रहा है. अब उसको ऊपर की तरफ हटाना है. मशीनों के द्वारा ऐसी व्यवस्था हो कि फक्नट्हरियों का गन्रदा पाणी नहर और नालों से निकल जाए, यमुना जी में न जाए तो नदी अपने आप शुद्ध हो जाए.
यह इतना बड़ा कार्य सरकार के द्वारा ही हो सकता है. अब यह बड़े-बड़े कार्यक्रम हो और तब फिर हमारी नदियां पवन हो.
कहते तो सब कोई है बरसों से सुनते चले आ रहे हैं. हम लोग स्वच्छता का अभियान यही कर सकते हैं कि यमुना जी में कूड़ा आदि ना डालें. हम लोग आसपास पड़े कूड़े को खोज करके गाढ़ दें जिससे जल हमारा दूषित ना हो, जो भी फूल माला डोना, पत्तल है वे सब जमुना के किनारे गाढ़ दे. जमुना जल में न जाए. बस हम इतना कर सकते हैं लेकिन यह बड़े-बड़े नाले जूता चप्पल विस्टा ना जाने क्या सब जमुना जी में जा रहा है. आप वृन्दावन में देख लो. एक नाला यही जाकर गिरा है, एक बड़ा नाला एक धारा अलग इसकी चल रही है. पानी काला है, आचमन नहीं कर सकते. यह सरकार से ही रुकेगा. एक मनुष्य कितना कर सकता है. इसमें थोड़ी ₹2000 वाली कोई बात है. ऐसी बड़ी-बड़ी नहरे निकले खेतों के बीच में से और उससे यह गंदा वाला पानी जाए तो यमुना जी बच सके।
कर्तव्य परायण पुरुष यमुना जी की सफाई के लिए पैसा पास करवाये और उसमें लगाए नहीं वह भी खा जाएंगे नहीं वह भी खा जाएंगे थोड़ी-थोड़ी खुदाई करी और हो गया बस तो यह सब सवाई अब आए तो हमें लगता है सरकारी सहयोग कर सकती है हम आप क्या कर सकते हैं.