ZEPTO का गोदाम बंद, ऑनलाइन डिलीवरी के डार्क स्टोर्स: आपके खाने की सेफ्टी पर बड़ा सवाल
This article explores the hidden realities of dark stores powering India’s quick commerce boom. Recent FDA action against Zepto’s Mumbai warehouse has exposed severe food safety violations—expired products, fungal growth, and unhygienic storage. As demand for 10-minute deliveries rises, are companies compromising on food hygiene and consumer health? Read to understand the risks, regulatory gaps, and what you can do as a responsible customer.
गृहस्थ धर्म HOUSEHOLD'S DUTY


आजकल भारत में क्विक कॉमर्स (Quick Commerce) यानी 10-15 मिनट में डिलीवरी की मांग तेजी से बढ़ रही है। Zepto, Blinkit, Instamart जैसी कंपनियां ग्राहकों को घर बैठे सामान पहुंचा रही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो सामान आप ऑनलाइन मंगवा रहे हैं, वह कहां और किस हालात में रखा गया है? हाल ही में मुंबई के धारावी में Zepto के एक डार्क स्टोरेज यूनिट में खाद्य सुरक्षा के गंभीर उल्लंघन सामने आए, जिसने ऑनलाइन डिलीवरी की शुद्धता और सेफ्टी पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
डार्क स्टोर्स क्या हैं?
डार्क स्टोर्स वे मिनी वेयरहाउस या गोदाम हैं, जो सिर्फ ऑनलाइन ऑर्डर की पूर्ति के लिए होते हैं। यहां आम ग्राहक नहीं जा सकते। इन्हीं डार्क स्टोर्स से क्विक कॉमर्स कंपनियां 10-30 मिनट में डिलीवरी करती हैं24। लेकिन इनकी स्थिति और रखरखाव पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
धारावी के Zepto डार्क स्टोर में क्या मिला?
महाराष्ट्र FDA ने धारावी स्थित Zepto के डार्क स्टोर की जांच में पाया कि:
कई खाद्य उत्पाद एक्सपायर हो चुके थे।
पैकेज्ड सामान पर फंगस (फफूंदी) लगी थी।
कच्चा खाना गीली और गंदी ज़मीन पर रखा था।
कोल्ड स्टोरेज का तापमान तय मानकों के अनुसार नहीं था।
एक्सपायर और नॉन-एक्सपायर प्रोडक्ट्स को अलग-अलग नहीं रखा गया था।
इन खामियों के चलते Zepto के इस यूनिट का लाइसेंस तुरंत सस्पेंड कर दिया गया।
क्यों बढ़ रही है चिंता?
हाल के महीनों में क्विक कॉमर्स कंपनियों के डार्क स्टोर्स से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, जैसे आइसक्रीम में इंसानी अंग, सेंटिपीड (कीड़ा) या मरे हुए चूहे का मिलना2।
ग्राहकों को पता नहीं होता कि उनका सामान कहां से आ रहा है, कैसे स्टोर किया गया है, और उसमें मिलावट या प्रदूषण तो नहीं है12।
डार्क स्टोर्स में अक्सर हाइजीन और रेगुलेशन का पालन नहीं होता, जिससे फूड सेफ्टी खतरे में पड़ जाती है।
रेगुलेशन और उपभोक्ता की भूमिका
भारत में Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) जैसी रेगुलेटरी बॉडी है, लेकिन डार्क स्टोर्स की तेज़ी से बढ़ती संख्या और मिलावट की घटनाएं नए और सख्त कानूनों की मांग कर रही हैं14। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे डिलीवरी के सामान की क्वालिटी पर नजर रखें और किसी भी गड़बड़ी की शिकायत संबंधित अथॉरिटी को करें।
निष्कर्ष
ऑनलाइन डिलीवरी ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है, लेकिन इसके साथ ही खाने की शुद्धता और सेफ्टी पर बड़ा खतरा भी खड़ा हो गया है। डार्क स्टोर्स की सच्चाई जानना और सतर्क रहना बेहद जरूरी है। अगर आपको खराब, एक्सपायर या संदिग्ध सामान मिले, तो सिर्फ ऐप पर शिकायत करने के बजाय सरकारी रेगुलेटरी बॉडी तक भी अपनी शिकायत जरूर पहुंचाएं।
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SOURCE: DECODE, DOORDARSHAN, SUDHIR CHAUDHARY PROGRAMEE.